• बीजेडी में वक्फ कानून पर विवाद, रणेंद्र प्रताप स्वैन ने नवीन पटनायक को लिखा पत्र

    वक्फ कानून को लेकर बीजू जनता दल (बीजेडी) में चल रही आंतरिक उथल-पुथल के बीच, पार्टी के वरिष्ठ नेता और आठ बार के विधायक रणेंद्र प्रताप स्वैन ने बीजेडी सुप्रीमो नवीन पटनायक को एक पत्र लिखकर धर्मनिरपेक्षता और सामाजिक न्याय के प्रति पार्टी की प्रतिबद्धता को पुनः स्थापित करने की अपील की है

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    भुवनेश्वर। वक्फ कानून को लेकर बीजू जनता दल (बीजेडी) में चल रही आंतरिक उथल-पुथल के बीच, पार्टी के वरिष्ठ नेता और आठ बार के विधायक रणेंद्र प्रताप स्वैन ने बीजेडी सुप्रीमो नवीन पटनायक को एक पत्र लिखकर धर्मनिरपेक्षता और सामाजिक न्याय के प्रति पार्टी की प्रतिबद्धता को पुनः स्थापित करने की अपील की है।

    यह पत्र बीजेडी के भीतर वक्फ कानून पर पार्टी के रुख को लेकर पैदा हुए असंतोष के बाद सामने आया है, जिसने पार्टी कार्यकर्ताओं और नेताओं के बीच वैचारिक मतभेदों को उजागर किया है।

    स्वैन ने अपने पत्र में लिखा, "वक्फ कानून विवाद को लेकर पार्टी कार्यकर्ताओं में हाल ही में पैदा हुए असंतोष ने धर्मनिरपेक्षता पर हमारे रुख पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। इस संदर्भ में, मैं ईमानदारी से आग्रह करता हूं कि पार्टी को अपने मुख्य मुद्दों के रूप में सामाजिक न्याय और धर्मनिरपेक्षता के प्रति अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि करनी चाहिए और आगे बढ़ने के लिए कार्यकर्ताओं को पूर्ण विश्वास में लेना चाहिए।"

    उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि बीजेडी को अपनी वैचारिक विरासत को मजबूत करने और ओडिशा के लोगों के बीच एक सैद्धांतिक नेतृत्व के रूप में अपनी पहचान को कायम रखने की आवश्यकता है।

    पत्र में स्वैन ने बीजेडी की नींव को याद करते हुए कहा कि पार्टी की स्थापना सामाजिक न्याय, क्षेत्रीय गरिमा और धर्मनिरपेक्षता जैसे सिद्धांतों पर हुई थी।

    उन्होंने लिखा, "यह समय अपनी वैचारिक विरासत को पुनः प्राप्त करने और सामाजिक न्याय में निहित पार्टी के रूप में अपनी पहचान को पुनः स्थापित करने का है, जिसके स्तंभ धर्मनिरपेक्षता और क्षेत्रीय गरिमा हैं। ओडिशा के लोग सैद्धांतिक नेतृत्व के लिए हमारी ओर देख रहे हैं।"

    स्वैन ने नवीन पटनायक के नेतृत्व पर भरोसा जताते हुए कहा कि उनके मार्गदर्शन में बीजेडी इस चुनौती से उबरकर एक साहसिक रास्ता बनाएगी।

    वक्फ कानून को लेकर बीजेडी के रुख ने हाल में नई चर्चाओं को जन्म दे दिया है। पार्टी के कुछ नेताओं का मानना है कि पार्टी हाईकमान को इस मुद्दे पर अपना रुख साफ करना चाहिए। वहीं पार्टी के अंदर का एक धड़ा इसे धर्मनिरपेक्षता के सिद्धांतों के खिलाफ मान रहा है।

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